SHER•1/13/2022क्या ख़ूब तुम ने ग़ैर को बोसा नहीं दियाBy Mirza GhalibLikeShareReportHindiEnglishक्या ख़ूब तुम ने ग़ैर को बोसा नहीं दिया बस चुप रहो हमारे भी मुँह में ज़बान है