SHER•10/24/2020इशरत-ए-क़तरा है दरिया में फ़ना हो जानाBy Mirza GhalibLikeShareReportHindiEnglishइशरत-ए-क़तरा है दरिया में फ़ना हो जाना दर्द का हद से गुज़रना है दवा हो जाना