हर एक बात पे कहते हो तुम कि तू क्या हैMirza Ghalib@mirza-ghalibहर एक बात पे कहते हो तुम कि तू क्या है तुम्हीं कहो कि ये अंदाज़-ए-गुफ़्तगू क्या है