बुलबुल के कारोबार पे हैं ख़ंदा-हा-ए-गुलMirza Ghalib@mirza-ghalibबुलबुल के कारोबार पे हैं ख़ंदा-हा-ए-गुलकहते हैं जिसको इश्क़ ख़लल है दिमाग़ का