SHER•10/23/2020बिजली इक कौंध गयी आँखों के आगे तो क्याBy Mirza GhalibLikeShareReportHindiEnglishबिजली इक कौंध गयी आँखों के आगे तो क्या बात करते कि मैं लब तश्न-ए-तक़रीर भी था