SHER•6/21/2025बेदाद-ए-इश्क़ से नहीं डरता मगर 'असद'By Mirza GhalibLikeShareReportHindiEnglishबेदाद-ए-इश्क़ से नहीं डरता मगर 'असद'जिस दिल पे नाज़ था मुझे वो दिल नहीं रहा