SHER•10/24/2020बस-कि दुश्वार है हर काम का आसाँ होनाBy Mirza GhalibLikeShareReportHindiEnglishबस-कि दुश्वार है हर काम का आसाँ होना आदमी को भी मयस्सर नहीं इंसाँ होना