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आ ही जाता वो राह पर 'ग़ालिब'

आ ही जाता वो राह पर 'ग़ालिब'

कोई दिन और भी जिए होते

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आ ही जाता वो राह पर 'ग़ालिब' — Mirza Ghalib • ShayariPage