तेरी ख़ता नहीं जो तू ग़ुस्से में आ गया

तेरी ख़ता नहीं जो तू ग़ुस्से में आ गया

पैसे का ज़ो'म था तेरे लहजे में आ गया


सिक्का उछालकर के तेरे पास क्या बचा

तेरा ग़ुरूर तो मेरे काँसे में आ गया