तेरे वादे से प्यार है लेकिनMehshar Afridi@mehshar-afridiतेरे वादे से प्यार है लेकिन अपनी उम्मीद से नफ़रत है पहली ग़लती तो इश्क़ करना थी शायरी दूसरी हिमाक़त है