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ज़मीं पे घर बनाया है मगर जन्नत में रहते हैं

ज़मीं पे घर बनाया है मगर जन्नत में रहते हैं

हमारी ख़ुश-नसीबी है कि हम भारत में रहते हैं

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ज़मीं पे घर बनाया है मगर जन्नत में रहते हैं — Mehshar Afridi • ShayariPage