हर अँधेरा रौशनी में लग गया
हर अँधेरा रौशनी में लग गया
जिसको देखो शाइरी में लग गया
हमको मर जाने की फ़ुर्सत कब मिली
वक़्त सारा ज़िन्दगी में लग गया
अपना मैख़ाना बना सकते थे हम
इतना पैसा मैकशी में लग गया
ख़ुद से इतनी दूर जा निकले थे हम
इक ज़माना वापसी में लग गया