SHER•10/30/2020तिरे सिवा भी कहीं थी पनाह भूल गएBy Majrooh SultanpuriLikeShareReportHindiEnglishतिरे सिवा भी कहीं थी पनाह भूल गए निकल के हम तिरी महफ़िल से राह भूल गए