SHER•10/29/2020शब-ए-इंतिज़ार की कश्मकश में न पूछ कैसे सहर हुईBy Majrooh SultanpuriLikeShareReportHindiEnglishशब-ए-इंतिज़ार की कश्मकश में न पूछ कैसे सहर हुई कभी इक चराग़ जला दिया कभी इक चराग़ बुझा दिया