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पारा-ए-दिल है वतन की सरज़मीं मुश्किल ये है

पारा-ए-दिल है वतन की सरज़मीं मुश्किल ये है

शहर को वीरान या इस दिल को वीराना कहें

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पारा-ए-दिल है वतन की सरज़मीं मुश्किल ये है — Majrooh Sultanpuri • ShayariPage