SHER•10/29/2020मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंज़िल मगरBy Majrooh SultanpuriLikeShareReportHindiEnglishमैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंज़िल मगर लोग साथ आते गए और कारवाँ बनता गया