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जफ़ा के ज़िक्र पे तुम क्यूँ सँभल के बैठ गए

जफ़ा के ज़िक्र पे तुम क्यूँ सँभल के बैठ गए

तुम्हारी बात नहीं बात है ज़माने की

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