ग़म-ए-हयात ने आवारा कर दिया वर्ना Majrooh Sultanpuri@majrooh-sultanpuriग़म-ए-हयात ने आवारा कर दिया वर्ना थी आरज़ू कि तिरे दर पे सुब्ह ओ शाम करें