देख ज़िंदाँ से परे रंग-ए-चमन जोश-ए-बहार Majrooh Sultanpuri@majrooh-sultanpuriदेख ज़िंदाँ से परे रंग-ए-चमन जोश-ए-बहार रक़्स करना है तो फिर पाँव की ज़ंजीर न देख