देख ज़िंदाँ से परे रंग-ए-चमन जोश-ए-बहार

देख ज़िंदाँ से परे रंग-ए-चमन जोश-ए-बहार

रक़्स करना है तो फिर पाँव की ज़ंजीर न देख