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बहाने और भी होते जो ज़िंदगी के लिए

बहाने और भी होते जो ज़िंदगी के लिए

हम एक बार तिरी आरज़ू भी खो देते

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बहाने और भी होते जो ज़िंदगी के लिए — Majrooh Sultanpuri • ShayariPage