अब कारगह-ए-दहर में लगता है बहुत दिल Majrooh Sultanpuri@majrooh-sultanpuriअब कारगह-ए-दहर में लगता है बहुत दिल ऐ दोस्त कहीं ये भी तिरा ग़म तो नहीं है