दौलत ना अता करना मौला, शोहरत ना अता करना मौला

दौलत ना अता करना मौला, शोहरत ना अता करना मौला

बस इतना अता करना चाहे जन्नत ना अता करना मौला

शम्मा-ए-वतन की लौ पर जब कुर्बान पतंगा हो

होठों पर गंगा हो, हाथों में तिरंगा हो

होठों पर गंगा हो, हाथों में तिरंगा हो

बस एक सदा ही सुनें सदा बर्फ़ीली मस्त हवाओं में

बस एक दुआ ही उठे सदा जलते-तपते सेहराओं में

जीते-जी इसका मान रखें

मर कर मर्यादा याद रहे

हम रहें कभी ना रहें मगर

इसकी सज-धज आबाद रहे

जन-मन में उच्छल देश प्रेम का जलधि तरंगा हो

होठों पर गंगा हो, हाथों में तिरंगा हो

होठों पर गंगा हो, हाथों में तिरंगा हो

गीता का ज्ञान सुने ना सुनें, इस धरती का यशगान सुनें

हम सबद-कीर्तन सुन ना सकें भारत मां का जयगान सुनें

परवरदिगार,मैं तेरे द्वार

पर ले पुकार ये आया हूं

चाहे अज़ान ना सुनें कान

पर जय-जय हिन्दुस्तान सुनें

जन-मन में उच्छल देश प्रेम का जलधि तरंगा हो

होठों पर गंगा हो, हाथों में तिरंगा हो

होठों पर गंगा हो, हाथों में तिरंगा हो