बात करनी है बात कौन करे

बात करनी है बात कौन करे

दर्द से दो दो हाथ कौन करे

हम सितारे तुम्हें बुलाते हैं

चाँद न हो तो रात कौन करे

अब तुझे रब कहें या बुत समझें

इश्क़ में ज़ात-पात कौन करे

ज़िंदगी भर की थे कमाई तुम

इस से ज़्यादा ज़कात कौन करे