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GHAZAL

ये लौह-ए-इश्क़ पे लिखा है तेरे शहर के लोग

ये लौह-ए-इश्क़ पे लिखा है तेरे शहर के लोग

वफ़ा से जीत भी जाएँ तो हार जाएँगे

वो जिन के हाथ में काग़ज़ की कश्तियाँ होंगी

सुना है चंद वही लोग पार जाएँगे

किताब-ए-ज़र्फ़-ए-मोहब्बत पे हाथ रख के कहो

सवाल जान का आया तो वार जाएँगे

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