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इतना तो ज़िन्दगी में किसी के ख़लल पड़े

इतना तो ज़िन्दगी में किसी के ख़लल पड़े

हँसने से हो सुकून न रोने से कल पड़े

जिस तरह हँस रहा हूँ मैं पी पी के गर्म अश्क

यूँ दूसरा हँसे तो कलेजा निकल पड़े

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इतना तो ज़िन्दगी में किसी के ख़लल पड़े — Kaifi Azmi • ShayariPage