SHER•3/17/2021एक ज़ख़्म ऐसा न खाया कि बहार आ जातीBy Kaifi AzmiLikeShareReportHindiEnglishएक ज़ख़्म ऐसा न खाया कि बहार आ जाती दार तक ले के गया शौक़-ए-शहादत मुझ को