अब और क्या तिरा बीमार बाप देगा तुझे

अब और क्या तिरा बीमार बाप देगा तुझे

बस इक दुआ कि ख़ुदा तुझ को कामयाब करे

वो टाँक दे तिरे आँचल में चाँद और तारे

तू अपने वास्ते जिस को भी इंतिख़ाब करे