आज सोचा तो आँसू भर आए

आज सोचा तो आँसू भर आए

मुद्दतें हो गईं मुस्कुराए


हर क़दम पर उधर मुड़ के देखा

उन की महफ़िल से हम उठ तो आए


रह गई ज़िंदगी दर्द बन के

दर्द दिल में छुपाए छुपाए


दिल की नाज़ुक रगें टूटती हैं

याद इतना भी कोई न आए