Shayari Page
SHER

जिस दिन मिरी जबीं किसी दहलीज़ पर झुके

जिस दिन मिरी जबीं किसी दहलीज़ पर झुके

उस दिन ख़ुदा शिगाफ़ मिरे सर में डाल दे

Comments

Loading comments…