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GHAZAL

तुझे कौन जानता था मिरी दोस्ती से पहले

तुझे कौन जानता था मिरी दोस्ती से पहले

तिरा हुस्न कुछ नहीं था मिरी शाइरी से पहले

इधर आ रक़ीब मेरे मैं तुझे गले लगा लूँ

मिरा इश्क़ बे-मज़ा था तिरी दुश्मनी से पहले

कई इंक़िलाब आए कई ख़ुश-ख़िराम गुज़रे

न उठी मगर क़यामत तिरी कम-सिनी से पहले

मिरी सुब्ह के सितारे तुझे ढूँडती हैं आँखें

कहीं रात डस न जाए तिरी रौशनी से पहले

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