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GHAZAL

झूम के जब रिंदों ने पिला दी

झूम के जब रिंदों ने पिला दी

शैख़ ने चुपके चुपके दुआ दी

एक कमी थी ताज-महल में

मैं ने तिरी तस्वीर लगा दी

आप ने झूटा वा'दा कर के

आज हमारी उम्र बढ़ा दी

हाए ये उन का तर्ज़-ए-मोहब्बत

आँख से बस इक बूँद गिरा दी

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झूम के जब रिंदों ने पिला दी — Kaif Bhopali • ShayariPage