झूम के जब रिंदों ने पिला दी

झूम के जब रिंदों ने पिला दी

शैख़ ने चुपके चुपके दुआ दी


एक कमी थी ताज-महल में

मैं ने तिरी तस्वीर लगा दी


आप ने झूटा वा'दा कर के

आज हमारी उम्र बढ़ा दी


हाए ये उन का तर्ज़-ए-मोहब्बत

आँख से बस इक बूँद गिरा दी