SHER•10/19/2020यूँ ज़िंदगी गुज़ार रहा हूँ तिरे बग़ैरBy Jigar MoradabadiLikeShareReportHindiEnglishयूँ ज़िंदगी गुज़ार रहा हूँ तिरे बग़ैर जैसे कोई गुनाह किए जा रहा हूँ मैं