SHER•4/23/2025यही है ज़िंदगी तो ज़िंदगी से ख़ुद-कुशी अच्छीBy Jigar MoradabadiLikeShareReportHindiEnglishयही है ज़िंदगी तो ज़िंदगी से ख़ुद-कुशी अच्छीकि इंसाँ आलम-ए-इंसानियत पर बार हो जाए