Shayari Page
SHER

सदाक़त हो तो दिल सीनों से खिंचने लगते हैं वाइज़

सदाक़त हो तो दिल सीनों से खिंचने लगते हैं वाइज़

हक़ीक़त ख़ुद को मनवा लेती है मानी नहीं जाती

Comments

Loading comments…