इक लफ़्ज़-ए-मोहब्बत का अदना ये फ़साना हैJigar Moradabadi@jigar-moradabadiइक लफ़्ज़-ए-मोहब्बत का अदना ये फ़साना है सिमटे तो दिल-ए-आशिक़ फैले तो ज़माना है