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धुआँ जो कुछ घरों से उठ रहा है

धुआँ जो कुछ घरों से उठ रहा है

न पूरे शहर पर छाए तो कहना

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धुआँ जो कुछ घरों से उठ रहा है — Javed Akhtar • ShayariPage