ये दुनिया तुम को रास आए तो कहना

ये दुनिया तुम को रास आए तो कहना

न सर पत्थर से टकराए तो कहना

ये गुल काग़ज़ हैं ये ज़ेवर हैं पीतल

समझ में जब ये आ जाए तो कहना

बहुत ख़ुश हो कि उस ने कुछ कहा है

न कह कर वो मुकर जाए तो कहना

बदल जाओगे तुम ग़म सुन के मेरे

कभी दिल ग़म से घबराए तो कहना

धुआँ जो कुछ घरों से उठ रहा है

न पूरे शहर पर छाए तो कहना