याद उसे भी एक अधूरा अफ़्साना तो होगा

याद उसे भी एक अधूरा अफ़्साना तो होगा

कल रस्ते में उस ने हम को पहचाना तो होगा

डर हम को भी लगता है रस्ते के सन्नाटे से

लेकिन एक सफ़र पर ऐ दिल अब जाना तो होगा

कुछ बातों के मतलब हैं और कुछ मतलब की बातें

जो ये फ़र्क़ समझ लेगा वो दीवाना तो होगा

दिल की बातें नहीं है तो दिलचस्प ही कुछ बातें हों

ज़िंदा रहना है तो दिल को बहलाना तो होगा

जीत के भी वो शर्मिंदा है हार के भी हम नाज़ाँ

कम से कम वो दिल ही दिल में ये माना तो होगा