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GHAZAL

मेरे दिल में उतर गया सूरज

मेरे दिल में उतर गया सूरज

तीरगी में निखर गया सूरज

दर्स दे कर हमें उजाले का

ख़ुद अँधेरे के घर गया सूरज

हम से वा'दा था इक सवेरे का

हाए कैसे मुकर गया सूरज

चाँदनी अक्स चाँद आईना

आइने में सँवर गया सूरज

डूबते वक़्त ज़र्द था उतना

लोग समझे कि मर गया सूरज

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