क्यूँ डरें ज़िन्दगी में क्या होगा

क्यूँ डरें ज़िन्दगी में क्या होगा

कुछ न होगा तो तजरबा होगा


हँसती आँखों में झाँक कर देखो

कोई आँसू कहीं छुपा होगा


इन दिनों ना-उमीद सा हूँ मैं

शायद उसने भी ये सुना होगा


देखकर तुमको सोचता हूँ मैं

क्या किसी ने तुम्हें छुआ होगा