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GHAZAL

जिस्म दमकता, ज़ुल्फ़ घनेरी, रंगीं लब, आँखें जादू

जिस्म दमकता, ज़ुल्फ़ घनेरी, रंगीं लब, आँखें जादू

संग-ए-मरमर, ऊदा बादल, सुर्ख़ शफ़क़, हैराँ आहू

भिक्षु-दानी, प्यासा पानी, दरिया सागर, जल गागर

गुलशन ख़ुशबू, कोयल कूकू, मस्ती दारू, मैं और तू

बाँबी नागिन, छाया आँगन, घुँघरू छन-छन, आशा मन

आँखें काजल, पर्बत बादल, वो ज़ुल्फ़ें और ये बाज़ू

रातें महकी, साँसें दहकी, नज़रें बहकी, रुत लहकी

स्वप्न सलोना, प्रेम खिलौना, फूल बिछौना, वो पहलू

तुम से दूरी, ये मजबूरी, ज़ख़्म-ए-कारी, बेदारी,

तन्हा रातें, सपने क़ातें, ख़ुद से बातें, मेरी ख़ू

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जिस्म दमकता, ज़ुल्फ़ घनेरी, रंगीं लब, आँखें जादू — Javed Akhtar • ShayariPage