इक पल ग़मों का दरिया, इक पल ख़ुशी का दरिया
इक पल ग़मों का दरिया, इक पल ख़ुशी का दरिया
रूकता नहीं कभी भी, ये ज़िन्दगी का दरिया
आँखें थीं वो किसी की, या ख़्वाब की ज़ंजीरें
आवाज़ थी किसी की या रागिनी का दरिया
इस दिल की वादियों में, अब खाक उड़ रही है
बहता यहीं था पहले, इक आशिक़ी का दरिया
किरनों में हैं ये लहरें, या लहरों में हैं किरनें
दरिया की चाँदनी है, या चाँदनी का दरिया