हम ने ढूँढ़े भी तो ढूँढ़े हैं सहारे कैसे

हम ने ढूँढ़े भी तो ढूँढ़े हैं सहारे कैसे

इन सराबों पे कोई उम्र गुज़ारे कैसे


हाथ को हाथ नहीं सूझे वो तारीकी थी

आ गए हाथ में क्या जाने सितारे कैसे


हर तरफ़ शोर उसी नाम का है दुनिया में

कोई उस को जो पुकारे तो पुकारे कैसे


दिल बुझा जितने थे अरमान सभी ख़ाक हुए

राख में फिर ये चमकते हैं शरारे कैसे


न तो दम लेती है तू और न हवा थमती है

ज़िंदगी ज़ुल्फ़ तिरी कोई सँवारे कैसे