आप भी आइए, हम को भी बुलाते रहिए

आप भी आइए, हम को भी बुलाते रहिए

दोस्‍ती जुर्म नहीं, दोस्‍त बनाते रहिए


ज़हर पी जाइए और बाँटिए अमृत सबको

ज़ख्‍म भी खाइए और गीत भी गाते रहिए


वक्‍़त ने लूट लीं लोगों की तमन्‍नाएँ भी

ख़्वाब जो देखिए औरों को दिखाते रहिए


शक्‍ल तो आपके भी ज़ेहन में होगी कोई

कभी बन जाएगी तस्वीर, बनाते रहिए