मेरी अक्ल-ओ-होश की सब हालतें

मेरी अक्ल-ओ-होश की सब हालतें

तुमने साँचे में जुनूँ के ढाल दी


कर लिया था मैंने अहद-ए-तर्क-ए-इश्क़

तुमने फिर बाँहें गले में डाल दी