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SHER

मेरी अक्ल-ओ-होश की सब हालतें

मेरी अक्ल-ओ-होश की सब हालतें

तुमने साँचे में जुनूँ के ढाल दी

कर लिया था मैंने अहद-ए-तर्क-ए-इश्क़

तुमने फिर बाँहें गले में डाल दी

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मेरी अक्ल-ओ-होश की सब हालतें — Jaun Elia • ShayariPage