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मैं तो सफों के दरमियां कब से पड़ा हूं नीम जाँ,

मैं तो सफों के दरमियां कब से पड़ा हूं नीम जाँ,

मेरे तमाम जाँ निसार मेरे लिए तो मर गए

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मैं तो सफों के दरमियां कब से पड़ा हूं नीम जाँ, — Jaun Elia • ShayariPage