कितने ऐश से रहते होंगे कितने इतराते होंगे
कितने ऐश से रहते होंगे कितने इतराते होंगे
जाने कैसे लोग वो होंगे जो उस को भाते होंगे
यारो कुछ तो ज़िक्र करो तुम उस की क़यामत बाँहों का
वो जो सिमटते होंगे उन में वो तो मर जाते होंगे
कितने ऐश से रहते होंगे कितने इतराते होंगे
जाने कैसे लोग वो होंगे जो उस को भाते होंगे
यारो कुछ तो ज़िक्र करो तुम उस की क़यामत बाँहों का
वो जो सिमटते होंगे उन में वो तो मर जाते होंगे