SHER•3/29/2021कल दोपहर अजीब इक बेदिली रहीBy Jaun EliaLikeShareReportHindiEnglishकल दोपहर अजीब इक बेदिली रही बस तिल्लियाँ जलाकर बुझाता रहा हूँ मैं