जिस को ख़ुद मैं ने भी अपनी रूह का इरफ़ाँ समझा था

जिस को ख़ुद मैं ने भी अपनी रूह का इरफ़ाँ समझा था

वो तो शायद मेरे प्यासे होंटों की शैतानी थी