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SHER

हुस्न बला का कातिल हो पर आखिर को बेचारा है

हुस्न बला का कातिल हो पर आखिर को बेचारा है

इश्क़ तो वो कातिल जिसने अपनों को भी मारा है

ये धोखे देता आया है दिल को भी दुनिया को भी

इसके छल ने खार किया है सहरा में लैला को भी

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